आसरा फाउंडेशन जयपुर और मेहनतकश कल्याण संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर महानगर प्रथम के सभागार में घरेलू कामगारों और निर्माण श्रमिकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों में नेतृत्व क्षमता विकसित करना और उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में अधिकांश प्रतिभागी महिलाएं थीं, जो महिला नेतृत्व का प्रतीक बनीं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राजेन्द्र बंशीवाल ने श्रमिकों को श्रम कानूनों, जैसे न्यूनतम मजदूरी, कार्यस्थल सुरक्षा और काम के घंटों के बारे में जानकारी दी। आसरा फाउंडेशन जयपुर की मंगला शर्मा ने इन महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि महिला श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और नेतृत्व के लिए प्रेरित करना उनकी प्राथमिकता है। श्री इंद्र शर्मा ने प्राधिकरण की योजनाओं, विशेषकर मुफ्त विधिक सहायता के बारे में बताया। श्री विवेक शर्मा ने महिला श्रमिकों से विधिक सहायता का लाभ उठाने और अपने समुदायों में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।
भारत में श्रमिकों को कई कानूनी अधिकार प्राप्त हैं, जिनमें न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, कामगार मुआवजा अधिनियम 1923 और भवन एवं अन्य निर्माण कामगार अधिनियम 1996 शामिल हैं। साथ ही, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सलाह, वकील और अदालती सहायता प्रदान की जाती है।
कार्यक्रम में आसरा फाउंडेशन से हर्षदा तावड़े, रोहिणी सिंह, राजेश शर्मा, वॉलंटियर रामबाबू सैनी और किरन वर्मा मौजूद रहे। मेहनतकश कल्याण संस्था से हरकेश बुगालिया और मोहित ने भी हिस्सा लिया। विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से रवि अग्रवाल, विष्णु शर्मा और माधवी गुप्ता ने प्रतिभागियों को संबोधित किया।
यह आयोजन महिला श्रमिकों के सशक्तिकरण और उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। वक्ताओं ने महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करने और श्रमिक कल्याण के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।