अगर आप थकान महसूस करते हैं तो आप अकेले नहीं हैं. संभव है कि इसकी वजह आपकी नींद हो.
क्या आप जानते हैं कि रात की एक अच्छी नींद का राज़ आपकी दिनचर्या में छिपा हुआ है. कुछ उपाय अपनाने से थकान कम करने और नींद में सुधार किया जा सकता है.
हालांकि रात में अच्छी नींद केवल रात के रूटीन से नहीं जुड़ी है. तरोताज़ा महसूस करना केवल रात की नींद पर ही निर्भर नहीं करता.
कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें दिन में किया जाने की ज़रूरत है और इसका भी आपके सेहत पर असर पड़ता है.

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यहां पांच ऐसे तरीक़ों पर चर्चा की जा रही है जिससे आप खुद अधिक फुर्तीला और अपनी एनर्जी लेवल को बढ़ा सकते हैं.
लेकिन साथ नींद की आदत में कोई बड़ा बदलाव लाए, ये उपाय आपकी नींद की गुणवत्ता भी बढ़ा सकते हैं.
आयरन के स्तर पर नज़र रखें

पूरी दुनिया में औसतन तीन में से एक व्यक्ति आयरन की कमी से पीड़ित है.
ख़ास तौर पर इनमें शिशु और बच्चे, लड़कियां और प्रजजन की उम्र वाली महिलाएं, गर्भवती महिलाएं, एथलीट्स, शाकाहारी लोग और नियमित रक्तदान करने वाले लोगों को एनीमिया का ख़तरा अधिक होता है.
आयरन की कमी से जूझने वाले व्यक्ति को अत्यधिक थकान के अलावा बेचैनी और अनिद्रा की शिकायत हो सकती है.
अगर आप अपनी नींद के पैटर्न में बदलाव करने के बावजूद लगातार थका हुआ महसूस करते हैं तो हो सकता है कि आपको फ़ेरिटिन (आयरन को बांधने वाला प्रोटीन) या हिमोग्लोबीन की जांच के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करने की ज़रूरत हो.
हिमोग्लोबीन ही ऑक्सीजन को पूरे शरीर में पहुंचाता है.
लेकिन अगर आपको एनीमिया यानी आयरन डेफ़िशिएंसी नहीं भी है तो आपको अपने पोषण में सजग रहना चाहिए ताकि ऐसी स्थिति से बचा जा सके.
इसके लिए मांस, मछली और अंडे, बीन्स और हरी सब्जियां लेनी चाहिए और साथ ही विटामिन सी से भरपूर भोजन लेना चाहिए.
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हरी सब्ज़ियां और ताज़े फल

बहुत सारे अध्ययनों में पाया गया है कि जो वयस्क अधिक फल और सब्जियां खाते हैं, उन्हें बाकी लोगों की अपेक्षा बेहतर नींद आती है.
जबकि जो लोग अधिक फ़ॉस्ट फ़ूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स खाते पीते हैं उनमें नींद की दिक्कत अधिक देखी गई है.
रिसर्च में पाया गया है कि ख़ासकर मैडिटेरेनियन डाइट लेने वाले लोगों की नींद अधिक नियमित होती है, ऐसे भोजन में सब्जियों, फल, नट्स, लेग्यूम, साबुत अनाज और कम फैट वाले दुग्ध उत्पादों की अधिक मात्रा होती है.
जबकि रात में पांच घंटे से कम नींद लेने वालों में पाया गया है कि वे अधिक नींद लेने वालों की अपेक्षा आयरन, ज़िंक, फ़ास्फ़ोरस और मैग्निशियम के साथ साथ विटामिन सी, लुटीन और सेलेनियम कम मात्रा में लेते हैं.
हालांकि कारण और प्रभाव के बारे में सटीक संबंध स्थापित करना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए अधिकांश अध्ययनों में यह साफ़ नहीं है कि बेहतर खाने से नींद अच्छी होती है.
फिर भी जब हम थके होते हैं तो जंक फ़ूड खाने की संभावना अधिक होती है और इससे नींद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है.
स्वीडन में युवा पुरुषों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जब वे अधिक फ़ैट और मीठा भोजन करते हैं तो उनके मस्तिष्क की तरंगों में बदलाव होता है और उनकी गहरी नींद प्रभावित होती है.
लेकिन जब उन्होंने कम फ़ैट और कम मीठा भोजन लिया तो उनकी नींद में सुधार हुआ.
हालांकि कई साक्ष्य हैं जो सेहतमंद भोजन और नींद के बीच रिश्ते का साक्ष्य देते हैं.
लेकिन कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि एक दिन में पांच प्रकार की सब्जियां खाने से नींद में सुधार होता है.
इसी तरह का एक अध्ययन 1000 नौजवान व्यक्तियों पर हुआ जिन्होंने प्रति दिन तीन बार फल और सब्जियां खाईं.
लेकिन जब उन्होंने दिन में छह बार फल सब्जियां खाईं तो तीन महीने बाद उनमें से महिलाओं की अनिद्रा में सुधार देखने को मिला.
उनकी नींद अच्छी ही नहीं हुई बल्कि उन्हें नींद भी जल्द आने लगी.
साथ ही, एक और ट्रायल में पाया गया कि जब बच्चों के भोजन में सप्ताह में कम से कम पांच बार हरी सब्जियों को शामिल किया गया तो वे अधिक फ़ुर्तीले हुए और उनकी नींद अच्छी हुई.
शोधकर्ताओं का कहना है कि हरी सब्जियों में विटामिन की उच्च मात्रा होने के कारण ऐसा हुआ, ख़ासकर विटामिन ए और सी, जोकि शरीर में मिनरल्स को पचाने में मदद करते हैं और आयरनल जैसे मिनरल्स नींद में मदद कर सकते हैं.
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व्यायाम ज़रूर करें, चाहे शाम को ही क्यों न

हालांकि शारीरिक व्यायाम और नींद में रिश्ते का पता लगाने की अभी भी कोशिश हो रही है लेकिन आम तौर पर देखा गया है कि व्यायाम से बेहतर और लंबी नींद में मदद मिलती है.
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि अधिक व्यायाम करने से अधिक नींद आएगी.
उदाहरण के लिए 66 अध्ययनों की एक मेटा एनॉलिसिस में पाया गया कि दिन में कुछ समय के लिए ही व्यायाम नींद के लिए फ़ायदेमंद होता है, जबकि नियमित व्यायाम नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है.
यह फ़र्क होता तो मामूली है लेकिन जिन्हें अनिद्रा की शिकायत है उनके लिए यह फर्क बड़ा है.
अन्य अध्ययनों से संकेत मिलता है कि नींद के पैटर्न में बदलाव के लिए बहुत अधिक या रोज़ाना व्यायाम की ज़रूरत नहीं है.
एक अध्ययन के अनुसार, सप्ताह में तीन दिन के व्यायाम का रोज़ाना व्यायाम (या सप्ताह में एक दिन के व्यायाम) के मुकाबले अधिक फ़ायदा होता है.
हल्का व्यायाम या प्रतिदिन 10 मिनट के व्यायाम से भी नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.
एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि शाम को, ख़ासकर सोने से दो घंटे पहले व्यायाम करने से नींद में दिक्कत नहीं आती.
व्यायाम ही नींद में सुधार का एकमात्र तरीक़ा नहीं है. हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि यह हमें अधिक तरोताज़ा रखता है.
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अल्कोहल और धूम्रपान छोड़ें
हर साल नए साल की विश-लिस्ट में अल्कोहल या धूम्रपान त्यागने का संकल्प लेते हैं ताकि वे अधिक स्वस्थ महसूस कर सकें.
धूम्रपान को अनिद्रा से जोड़ा जाता है. साथ ही इससे थकान और हल्की नींद की समस्या भी होती है.
आम धारणा से उलट शराब पीने से अनिद्रा की समस्या और बढ़ती है. हालांकि सोने से पहले दो या तीन ड्रिंक लेने से अच्छी नींद आती है, लेकिन बस यह पहली बार ही होता है.
लेकिन ऐसा सिर्फ़ तीन दिन तक रहता है, अगर ऐसा हम जारी रखते हैं तो इसका उलटा असर होने लगता है क्योंकि नियमित शराब पीने से अनिद्रा की दिक्कत हो सकती है.
अन्य शोधों में पाया गया है कि सोने से पहले एक ड्रिंक भी लेने से इसके आदी लोगों को जल्दी और गहरी नींद आती है, लेकिन आधी रात तक के लिए ही यह सही है, उसके बाद उनकी नींद टूटती रहती है.
शराब पीने से हमारा रोज़मर्रे का पैटर्न भी भी गड़बड़ा सकता है, हमारी कुल नींद की मात्रा कम हो सकती है, और सांस से संबंधित नींद की दिक्कत, जैसे स्लीप एप्निया और भी बदतर हो सकती है.
नाश्ता कभी न छोड़ें

सुबह के नाश्ते का वज़न कम होने से कोई रिश्ता है, इसके कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं हैं. एक अध्ययन में सुबह का नाश्ता छोड़ने और वज़न कम होने के बीच कोई स्पष्ट संबंध नहीं पाया गया.
43 अध्ययनों की पड़ताल से पता चलता है कि सुबह का नाश्ता हमारी याददाश्त और चैतन्यता को बढ़ाता है.
हालांकि आम तौर पर इसका बहुत कम असर होता है लेकिन यह असर दूरगामी होता है.
यही बात बच्चों के लिए भी सही पाई गई. जब उन्होंने सो कर उठने के बाद नाश्ता किया तो उनकी फ़ुर्ती और याददाश्त में सुधार देखा गया.
अन्य अध्ययनों में पाया गया है कि सुबह के नाश्ते से हमें कम थकान महसूस होती है.
उदाहण के लिए 127 मेडिकल स्टूडेंट्स पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन्होंने नाश्ता किया उन्हें कम थकान महसूस हुई.
एक निर्धारित समय पर भोजन करना भी लाभदायक हो सकता है. ताईवान में 1800 ग्रेजुएट स्टूडेंट्स पर किए गए एक अध्ययन में पता चलता है कि जो लोग अनियमित समय पर भोजन करते हैं उन्हें थकान अधिक महसूस होती है.
हालांकि ये भी हो सकता है कि अधिक थके लोगों के समय पर नाश्ता या भोजन करने की संभावना कम हो जाती है.
एक अध्ययन में पाया गया है कि हमारे शरीर की लय या बॉडी क्लॉक का खाने पर असर होता है और हमारे खाना खाने का बॉडी क्लॉक पर असर होता है.
अगर आप थकान से जूझ रहे हैं, तो घर से बाहर निकलने से पहले कुछ अंडे या एक कटोरी दलिया खा लेना एक आसान उपाय हो सकता है.