कांग्रेस ओबीसी से नफरत करती है, क्योंकि वह पिछड़े वर्ग के प्रधानमंत्री को देश का नेतृत्व करते नहीं देख सकती: मोदी

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**EDS: IMAGE VIA @mieknathshinde** Nanded: Prime Minister Narendra Modi during a public meeting ahead of the Maharashtra Assembly elections, in Nanded district, Saturday, Nov. 9, 2024. (PTI Photo)(PTI11_09_2024_000224B)

न्यूज़ स्टोर (एजेंसी)नांदेड़: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दावा किया कि कांग्रेस ओबीसी से नफरत करती है, क्योंकि वह इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर सकती कि पिछड़े वर्ग का एक व्यक्ति देश के शीर्ष पर है।

उन्होंने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के लिए यहां एक चुनावी रैली में कहा कि दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के बीच विभाजन कांग्रेस की राजनीति के अनुकूल है, लेकिन उनकी एकता के कारण वह अपना समर्थन आधार खो रही है।

उन्होंने कहा, ”अगर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग बंटे हुए हैं तो यह कांग्रेस की राजनीति के अनुकूल है। इसकी रणनीति आपको विभिन्न समूहों और समुदायों में बांटने की है।”

मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ओबीसी से नफरत करती है क्योंकि वह इस तथ्य को पचा नहीं पाती कि एक ओबीसी दस साल से प्रधानमंत्री है और सभी को साथ लेकर काम कर रहा है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, “वे ओबीसी समुदायों को छोटी जातियों में बांटना चाहते हैं और उनकी एकता की ताकत छीनना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस आरक्षण छीन लेगी।”

उन्होंने दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के नेताओं ने लोगों को जाति के आधार पर बांटने और उन्हें आरक्षण से वंचित करने का प्रयास किया।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा, शिवसेना और राकांपा के ‘महायुति’ गठबंधन के पक्ष में लहर है और इसका लक्ष्य ‘विकसित भारत’ है। 

उन्होंने कांग्रेस के वसंत चव्हाण के हाथों भाजपा के प्रताप चिखलीकर की हार का जिक्र करते हुए कहा, ”इसलिए भाजपा और उसके सहयोगियों को लोग बार-बार चुनते हैं। लोकसभा चुनाव में नांदेड़ ने हमें वोट नहीं दिया। मुझे उम्मीद है कि अब आप मुझे आशीर्वाद देंगे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा चुनाव में भाजपा ने सबसे अधिक सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है और महाराष्ट्र की जनता भी इतिहास दोहराने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो महीनों में मैं महाराष्ट्र में जहां भी गया, मुझे यही महसूस हुआ कि लोकसभा चुनाव में जो कुछ नहीं हो सका, उसे विधानसभा चुनाव में ठीक कर लिया जाएगा।’’

“आज, हर किसी की जुबान पर एक ही नारा है: भाजपा-महायुति आहे, तार गति आहे। महाराष्ट्राची प्रगति आहे (केवल भाजपा-महायुति ही महाराष्ट्र की तीव्र प्रगति सुनिश्चित करेगी, ”उन्होंने कहा।

आम चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने महाराष्ट्र में 48 में से 17 सीटें जीतीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठवाड़ा में किसानों की परेशानियों की मूल वजह कांग्रेस थी, लेकिन भाजपा और उसके सहयोगियों के शासन में जल-संकट और सूखे की समस्या को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए।

उन्होंने दावा किया कि मराठवाड़ा जल ग्रिड योजना पूर्ववर्ती भाजपा नीत सरकार द्वारा शुरू की गई थी लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार ने इसे बंद कर दिया और महायुति सरकार ने इसे पुनर्जीवित किया।

मोदी ने कहा, “किसानों का हित सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है और उन्हें कई कल्याणकारी योजनाओं और वित्तीय सहायता के कारण लाभ मिल रहा है। पिछले दो वर्षों में अकेले मराठवाड़ा में 80,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे ने मराठवाड़ा को एक नई पहचान दी है। रेल कोच फैक्ट्री, लॉजिस्टिक्स पार्क, शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे ने रोजगार के नए रास्ते खोले हैं।”

उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण भी महायुति और केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय, पानी और बिजली कनेक्शन तथा एलपीजी जैसी महिला-केंद्रित विकास योजनाओं का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी बड़ा सोचते हैं, क्योंकि (उनके कार्यकाल के दौरान) तीन करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने जैसी पहल पहले कभी नहीं की गई।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारें कई घोटालों में शामिल थीं, लेकिन “अब उन्होंने सारी सीमाएं पार कर ली हैं और अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है।” साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर महाराष्ट्र में चल रहे चुनाव प्रचार के दौरान संविधान की खाली प्रतियां लहराने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ”लाल किताब खाली है और उसमें अंबेडकर के संविधान का एक भी शब्द नहीं है। यह इस बात का उदाहरण है कि वे अंबेडकर से कितनी नफरत करते हैं।”

मोदी ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि वह डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान के स्थान पर अपना संविधान लागू करना चाहती है।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने पहली बार ऐसा आपातकाल के दौरान किया था और अब वह संविधान की खाली प्रतियां बांटकर वही काम कर रही है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में संविधान को लागू न करके उसके साथ विश्वासघात किया है।

उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर का संविधान अलग था और राज्य का अलग झंडा था। दलितों के लिए कोई अधिकार नहीं थे। कश्मीर में कांग्रेस ने दो संविधानों का समर्थन किया और महाराष्ट्र में वे अंबेडकर के संविधान की बात करते हैं।”

मोदी ने आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 की बाधा को भाजपा सरकार ने तोड़ा था, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी इसे पुनर्जीवित करना चाहते हैं। 

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प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस को अनुच्छेद 370 पसंद है, जबकि हमें जम्मू-कश्मीर पसंद है। अनुच्छेद 370 के हटने से आतंकवाद को कुचला गया, दिवाली मनाई गई और लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।”

उन्होंने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हुआ है और दलितों को पहली बार उनके अधिकार मिले हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और कांग्रेस को यह पसंद नहीं आया।

उन्होंने कहा, ”कांग्रेस और उसके सहयोगी जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान का एजेंडा चला रहे हैं। क्या कोई देशभक्त व्यक्ति कांग्रेस को इस पाप के लिए माफ करेगा? क्या आप चुनाव में कांग्रेस को दंडित करेंगे।” उनका इशारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के प्रस्ताव के पारित होने की ओर था।

पूर्व सहयोगी उद्धव ठाकरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देशभक्त लोगों की भूमि है और जो लोग राजनीति के लिए राष्ट्रहित से समझौता करते हैं तथा शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विरासत के साथ विश्वासघात करते हैं, उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए।

कांग्रेस सांसद वसंत चव्हाण की मृत्यु के कारण नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था।

रैली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा के राज्यसभा सदस्य अशोक चव्हाण भी मौजूद थे।

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