केजरीवाल ने कहा “मैं दो दिन बाद मुख्यमन्त्री पद से इस्तीफ़ा दे दूँगा”, जनता के फैसले के बाद ही कुर्सी पर बैठूंगा

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Arvind Kejriwal News: अरविंद केजरीवाल दो दिन बाद मुख्यमंत्री की गद्दी से हट जाएंगे।उसके बाद दिल्ली में क्या होगा? कौन से दो समीकरण बन रहे हैं, समझिये

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वो दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। इसी के साथ उन्होंने दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की भी मांग की है। उन्होंने रविवार को कहा कि मैंने देश के संविधान और गणतंत्र को बचाने के लिए इस्तीफा नहीं दिया था, लेकिन अब दो दिन में इस्तीफा दे दूंगा। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती।

पार्टी तोड़ने का था मक़सद

हाल ही में जेल से बाहर आए केजरीवाल ने कहा कि मुझे जेल भेजने का मकसद आप पार्टी को तोड़ने का था। ये लोग विपक्ष के एक मुख्यमंत्री को नहीं छोड़ते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि जेल के अंदर से सरकार क्यों नहीं चल सकती है. मैं सभी नॉन बीजेपी मुख्यमंत्री से निवदेन करता हूं, अगर आप पर फर्जी केस करे तो कभी इस्तीफा मत देना।हमारे लिए हमारा संविधान जरूरी है। हमारा जनतंत्र जरूरी है।

केजरीवाल की जगह कौन होगा दिल्ली की सीएम?


आतिशी का नाम इस लिस्ट में सबसे आगे है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी कालकाजी सीट से विधायक हैं। आतिशी दिल्ली सरकार में शिक्षा, उच्च शिक्षा, टीटीई, वित्त, योजना, पीडब्ल्यूडी, जल, बिजली, सेवाएं, सतर्कता, जनसंपर्क मंत्री हैं। सीएम केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के एलान से पहले भी आतिशी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैंने जेल से एलजी के पत्र लिखा था कि स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराएंगी। लेकिन वो चिट्ठी वापस कर दी गई और साथ में यह भी कहा गया कि कि अगर फिर से चिट्ठी लिखी तो परिवार से मुलाकात बंद हो जाएगी।

वहीं, आतिशी के साथ-साथ सौरभ भारद्वाज नाम भी सामने आ रहा है। वे दिल्ली की ग्रेटर कैलाश सीट से विधायक हैं। सौरभ दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास और पर्यटन मंत्री हैं। सौरभ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।

ट्विटर ( एक्स)

विधानसभा भंग हुई तो 6 महीने के अंदर चुनाव


विधानसभा भंग होने के बाद राज्य में नए सिरे से चुनाव होते हैं, जिसे मध्यावधि चुनाव कहा जाता है।संविधान के अनुच्छेद 174 (2) (B) में मध्यावधि चुनाव का प्रावधान है।इसमें कहा गया है कि विधानसभा भंग होने के बाद 6 महीने के अंदर चुनाव कराना जरूरी है।चुनाव होने और नई सरकार चुने जाने तक संबंधित राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहता है।

Arvind Kejriwal दो दिन बाद देंगे मुख्यमन्त्री पद से इस्तीफ़ा

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