कभी सोचा है वकील काला और डॉक्टर क्यों पहनते हैं सफेद कोट? गारंटी है नहीं पता होगी इसकी वजह

0

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी गौर किया है कि वकील हमेशा काले कोट में क्यों दिखते हैं और डॉक्टरों के पास सफेद कोट क्यों होते हैं? इन दोनों के कपड़ों के पीछे सिर्फ फैशन या परंपरा नहीं, बल्कि एक गहरी सोच और इतिहास छिपा है। शायद आपने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया होगा, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि इन खास रंगों के कोट का क्या राज है (Lawyer vs Doctor Dress Code) और क्यों ये प्रोफेशनल लाइफ में इतनी अहमियत रखते हैं।

आप सोच रहे होंगे कि ये सिर्फ दिखावे की बात है, लेकिन हर चीज का एक मतलब होता है और इन कोट्स के पहनने के पीछे भी कुछ ऐसा ही है। तो चलिए, जानते हैं कि आखिर वकील काला कोट क्यों पहनते हैं और डॉक्टर सफेद कोट क्यों पहनते हैं। शायद इसके बाद आप इन दोनों प्रोफेशनल्स के कपड़ों को देखकर अलग ही नजरिए से सोचने लगेंगे।

वकील काला कोट क्यों पहनते हैं?

काले रंग को हमेशा गंभीरता, शक्त‍ि और इज्जत का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए वकील अपनी पेशेवर ज़िंदगी में काले कोट का इस्तेमाल करते हैं। अब क्या आपको पता है कि काले कोट की यह परंपरा इतनी पुरानी है?

  • इतिहास की बात करें तो 17वीं सदी में ब्रिटेन के राजा चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के बाद वकीलों और न्यायाधीशों ने काले कपड़े पहनने शुरू किए थे। यह एक शोक व्यक्त करने का तरीका था। लेकिन धीरे-धीरे यह परंपरा बन गई और यह आज भी जारी है।
  • इसके अलावा, काले रंग को न्याय, निष्पक्षता और संजीदगी से जोड़ा जाता है। जब वकील काले कोट में कोर्ट के कमरे में प्रवेश करते हैं, तो यह उनके द्वारा उठाए गए मामलों में गंभीरता और ईमानदारी की भावना को दर्शाता है।
  • काले कोट में एक खास बात यह है कि सख्त और ताकतवर व्यक्तित्व को दर्शाने वाला यह रंग, वकील के काम की गंभीरता को साफ तौर पर दिखाता है।
  • और तो और, काले रंग में कोई भी दाग-धब्बा जल्दी नहीं दिखता, जिससे वकील हमेशा पेशेवर रूप से परिपूर्ण दिखते हैं। यह एक तरह से उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल इमेज को बनाए रखने में मदद करता है।

डॉक्टर सफेद कोट क्यों पहनते हैं?

अब जान लीजिए डॉक्टरों के सफेद कोट के बारे में, जो उनकी पहचान बन चुका है। सफेद रंग को हमेशा शुद्धता, स्वच्छता और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।

  • सफेद कोट की परंपरा का इतिहास भी दिलचस्प है। 19वीं सदी के मध्य में, जब चिकित्सा विज्ञान में तेजी से विकास हुआ और अस्पतालों में स्वच्छता पर ध्यान दिया जाने लगा, तो डॉक्टरों ने सफेद कोट पहनने शुरू किए। सफेद रंग पर दाग जल्दी नजर आते हैं, जिससे यह डॉक्टरों को सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूक करता है।
  • सफेद कोट का दूसरा बड़ा कारण है भरोसा। जब मरीज सफेद कोट पहने डॉक्टर को देखता है, तो उसे विश्वास होता है कि वह व्यक्ति उसे सही इलाज दे सकता है। सफेद रंग का प्रभाव इतना गहरा होता है कि यह मरीजों को मानसिक रूप से भी शांति और सुरक्षा का अहसास कराता है।
  • सफेद रंग का एक और पहलू है कि यह स्वास्थ्य और शुद्धता का प्रतीक होता है। अस्पतालों और चिकित्सालयों में सफाई का स्तर बहुत महत्वपूर्ण होता है, और सफेद कोट इसे ध्यान में रखते हुए पहना जाता है। यह डॉक्टरों को स्वच्छता के महत्व को भी याद दिलाता है।
  • इसके अलावा, सफेद कोट का पहनावा डॉक्टर को पेशेवर और विश्वसनीय दिखाता है, जो मरीजों के विश्वास को जीतने में मदद करता है।

वकीलों का काला कोट और डॉक्टरों का सफेद कोट सिर्फ फैशन या पारंपरिक परिधान नहीं हैं, बल्कि इनका पहनना एक गहरी सोच और उद्देश्य को व्यक्त करता है। काले कोट का कड़ा और गंभीर दिखना न्याय के प्रति सम्मान और निष्पक्षता को दर्शाता है, जबकि सफेद कोट शुद्धता और विश्वास का प्रतीक है, जो डॉक्टरों द्वारा मरीजों के इलाज में दी जा रही ईमानदारी और देखभाल का प्रतीक है।

यह भी पढ़ें American महिला पर छाया ‘डॉली चायवाला’ बनने का खुमार, इस हरकत पर हैरान हुए यूजर्स

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here