राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार दोपहर बड़ा फैसला सुनाते हुए सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द (Rajasthan SI Recruitment Exam Cancelled) कर दिया है. यह फैसला पेपर लीक के गंभीर आरोपों के बाद सुनाया गया है, जिसने हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य को अधर में लटका दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्यों की बड़ी संलिप्तता का भी जिक्र किया है.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने मीडिया को बताया कि कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पेपर लीक में RPSC के 6 सदस्यों की संलिप्तता थी. उन्होंने बताया कि तत्कालीन चेयरमैन के घर पर आरोपी बाबूलाल कटारा गए थे, ताकि कुछ अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाया जा सके, जिसकी पुष्टि कोर्ट ने भी की है. कोर्ट ने कहा कि जब पेपर पूरे प्रदेश में फैला और ब्लूटूथ गिरोह तक पहुंच गया था, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह भर्ती मान्य नहीं हो सकती.
जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ का फैसला
राजस्थान हाईकोर्ट में यह फैसला जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने सुनाया. कोर्ट ने 14 अगस्त को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और 18 अगस्त तक लिखित पक्ष रखने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट मेजर आरपी सिंह सहित एडवोकेट हरेंद्र नील और ओमप्रकाश सोलंकी ने पैरवी की. उन्होंने पेपर लीक के सबूत पेश करते हुए भर्ती रद्द करने की मांग की. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने सरकार का पक्ष रखा. वहीं, सफल अभ्यर्थियों की ओर से सीनियर एडवोकेट आरएन माथुर और एडवोकेट तनवीर अहमद ने तर्क दिया कि कुछ लोगों की गलती के लिए पूरी भर्ती को रद्द करना गलत होगा. हालांकि, कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया.
दोबारा होगा एग्जाम, समझें पूरी बात
हाईकोर्ट के इस फैसले का सीधा असर उन हजारों अभ्यर्थियों पर पड़ेगा, जिन्होंने इस परीक्षा में सफलता हासिल की थी. उनकी उम्मीदें टूट गई हैं. हालांकि, कोर्ट ने भविष्य के लिए रास्ता भी दिखाया है. वकील हरेंद्र नील के अनुसार, कोर्ट ने 17 जुलाई 2025 को जारी किए गए नए भर्ती विज्ञापन के साथ 2021 के 1015 पदों (859 पद) को जोड़ने के निर्देश दिए हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2021 में परीक्षा देने वाले वे सभी अभ्यर्थी जिनकी आयु अब निकल गई है, वे भी इस नई भर्ती में शामिल हो सकेंगे.
SOG हेड ने कहा- कार्रवाई जारी रहेगी
इस फैसले के बाद, राजस्थान पुलिस की SOG के प्रमुख वीके सिंह ने NDTV से बात करते हुए इसे एक बड़ा फैसला बताया. उन्होंने कहा कि हमें कुछ बड़ा होने का डर था. दोनों तरफ से दमदार बहस हुई थी. करीब 700 लोगों ने इस एग्जाम को पेपर लीक के माध्यम से पास किया था, जिनमें से 55 ट्रेनी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. 70-80 के खिलाफ शिकायत पेंडिंग हैं. 10-12 हाई कोर्ट स्टे या अन्य कारणों से गिरफ्तारी से बचे हुए हैं, या फरार हैं. कई हमारी रडार पर हैं. कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले के परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे.
किरोड़ी-हनुमान में क्रेडिट लेने की होड़
इस फैसले पर राजनीतिक गलियारों में भी बयानबाजी तेज हो गई है. आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल और भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा के बीच एनडीटीवी के स्क्रीन पर ही तीखी बहस देखने को मिली. दोनों नेता इस भर्ती को रद्द कराने का क्रेडिट लेना चाह रहे थे. वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि वह “लिख कर दे सकते हैं” कि सरकार इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील करेगी, क्योंकि यह सरकार राज्य को ठीक से चला नहीं पा रही है. बेनीवाल ने कहा कि “ये यकीनन DB में अपील करेंगे”, जबकि डोटासरा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वे मुझसे सलाह मांग रहे हैं कि क्या करना चाहिए.