राजस्थान/न्यूज़ स्टोर.भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने राज्य के मंत्री किरोड़ी लाल मीना को कारण बताओ नोटिस भेजा है। पार्टी नेताओं ने सोमवार को बताया कि मीना ने इल्जाम लगाया है कि उनका फोन टैप किया जा रहा है, जिससे सरकार की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।
हालांकि, किरोड़ी लाल ने इस बारे में अनभिज्ञता जताई और कहा कि वह पार्टी के “अनुशासित सिपाही” हैं और नोटिस मिलने के बाद तय समय में अपना जवाब भेज देंगे। मीना ने यह बयान एक सार्वजनिक बैठक के दौरान दिया जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया जिससे भाजपा सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
एसआई भर्ती को लेकर सरकार से रुठे बाबा
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले की परतें खुलती गई। 51 ट्रेनी एसआई, आरपीएससी के वर्तमान और पूर्व सदस्य सहित 80 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हुए। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में लंबा आंदोलन कर चुके हैं। सरकार बनने के बाद डॉ. मीणा ने इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की। शुरुआती दिनों में ही वे मुख्यमंत्री भजनलाल से मिले और भर्ती को रद्द करने की मांग की लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। बार बार आग्रह करने के बाद भी जब सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो बाबा सरकार के खिलाफ मीडिया में बयान देने लगे कि यह उनकी समझ से परे है कि भर्ती को रद्द क्यों नहीं किया जा रहा। डॉ. मीणा ने एसआई भर्ती को लेकर सरकार को कटघरे में भी खड़ा किया।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस्तीफे की मांग की थी। विपक्ष के नेता टीका राम जूली ने विरोध में राज्यपाल के अभिभाषण पर भाषण तक नहीं दिया। कांग्रेस विधायक सीएम के भाषण के दौरान नारेबाजी करते रहे।
सरकार की छवि धूमिल हुई!
कारण बताओ नोटिस में भाजपा ने कहा कि मीना के बयान से सरकार की छवि धूमिल हुई है। नोटिस में कहा गया है, “आप भाजपा के सदस्य हैं और पार्टी टिकट पर सवाई माधोपुर क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं। आप राजस्थान सरकार में मंत्री भी हैं। हाल ही में आपने मंत्रिपरिषद से अपने इस्तीफे की खबर अखबार में छपवाने के लिए उपलब्ध कराई। आपने सार्वजनिक बयान देकर भाजपा सरकार पर फोन कॉल टैप करवाने का आरोप भी लगाया, जो कि झूठ है।”
मंत्री होकर भी विधानसभा से दूरी
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा कैबिनेट मंत्री हैं। उनके पास कृषि विभाग का अहम जिम्मा है लेकिन जुलाई 2024 में हुए विधानसभा सत्र में भी उन्होंने सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी ले ली थी। 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू हो गया लेकिन 1 फरवरी से उन्होंने सदन से छुट्टी ले ली। उनके विभाग से जुड़े सवालों के जवाब दूसरे मंत्रियों को देने पड़ रहे हैं। डॉ. मीणा सरकार से नाराज हैं। इसलिए वे विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। 31 जनवरी को उन्होंने साफ कह दिया कि सरकार में गंभीर रूप से भ्रष्टाचार हो रहा है। आने वाले दिनों में वे बड़े खुलासे करेंगे।
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