नासिक: जैसा कि हम सभी जानते हैं, रुद्राक्ष का मतलब होता है शंकर के रुद्र रूप से संबंधित एक खास चीज़. रुद्राक्ष का हिंदू शास्त्रों में खास महत्व है. यह दिमागी बीमारियों और मिर्गी के दौरे जैसी समस्याओं में दवाइयों के रूप में उपयोगी है. ये फल पेड़ पर पकते हैं और सर्दियों में गिरते हैं. इसके अंदर के बीज को रुद्राक्ष कहा जाता है, जो लाल रंग का और ठोस होता है. रुद्राक्ष को शरीर पर गहनों के रूप में पहना जाता है, ताकि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सके और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सके. रुद्राक्ष का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व है.
रुद्राक्ष की कितनी प्रकार होती हैं?
-दो मुखी रुद्राक्ष
-तीन मुखी रुद्राक्ष
-चार मुखी रुद्राक्ष
-पांच मुखी रुद्राक्ष
-छह मुखी रुद्राक्ष
-सात मुखी रुद्राक्ष
-आठ मुखी रुद्राक्ष
-नौ मुखी रुद्राक्ष
-दस मुखी रुद्राक्ष
-ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
-बारह मुखी रुद्राक्ष
रुद्राक्ष पहनने के नियम रुद्राक्ष पहनते समय कुछ खास बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
-रुद्राक्ष की माला या किसी भी रूप में रुद्राक्ष पहनकर कभी श्मशान या असमर्थ स्थान पर न जाएं. यह धार्मिक दृष्टिकोण से अशुद्ध माने जाते हैं.
-रुद्राक्ष एक व्यक्ति ने पहना है, तो दूसरा व्यक्ति उसे न पहने.
-रुद्राक्ष की माला में अनिवार्य रूप से विषम संख्या के मनके होने चाहिए.
-रुद्राक्ष माला कम से कम 27 मनकों की होनी चाहिए.
-रुद्राक्ष को काले धागे में न पहनें, बल्कि इसे लाल या पीले धागे में लपेटना शुभ माना जाता है.
-रुद्राक्ष को हमेशा साफ हाथों से ही छुएं.
रुद्राक्ष पहनने के दौरान क्या करें?
रुद्राक्ष पहनने के बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें, जिससे भगवान महादेव प्रसन्न होते हैं. रुद्राक्ष हमेशा स्नान करने के बाद पहनें.
राशि अनुसार रुद्राक्ष का चुनाव कैसे करें?
-मेष, कर्क, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोग रुद्राक्ष पहन सकते हैं.
-मेष राशि के लोग तीन मुखी रुद्राक्ष पहनें.
-वृषभ राशि के लोग छह मुखी रुद्राक्ष पहनें.
-मिथुन राशि के लोग चार मुखी रुद्राक्ष पहनें.
-कर्क राशि के लोग दो मुखी रुद्राक्ष पहनें.
-सिंह राशि के लोग एक मुखी रुद्राक्ष पहनें.
-कन्या राशि के लोग बारह मुखी रुद्राक्ष पहनें.
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असली रुद्राक्ष कैसे पहचानें?
असली रुद्राक्ष की पहचान करना बेहद आसान है. एक पूरी तरह पका हुआ रुद्राक्ष पानी में डुबोने पर डूब जाता है. अगर रुद्राक्ष पानी में जल्दी डूब जाए, तो यह असली होता है. वहीं, जो रुद्राक्ष धीरे-धीरे डूबे, वह नकली या हल्के गुणवत्ता का माना जाता है. रुद्राक्ष का आकार मुख्य रूप से गोल होता है, और इसके कांटे हल्के होते हैं लेकिन मजबूत और कठोर होते हैं.
रुद्राक्ष का महत्व
रुद्राक्ष सिर्फ एक धार्मिक वस्तु नहीं है, बल्कि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है. इसलिए इसे सही तरीके से पहनना और समझना बहुत जरूरी है.